Mp news : कान्हा की गोद में बाघ की वापसीः तीन साल की मेहनत का कमाल
Mp news : मंडला स्थित कान्हा टाइगर रिजर्व ने तीन साल के रिवाइल्डिंग प्रयासों के बाद एक नर बाघ को जंगल में सफलतापूर्वक छोड़ा है। यह बाघ, जो मई 2022 में सिवनी जिले के एक गांव से बचाया गया था, तब केवल 4-5 महीने का शावक था। रेस्क्यू के बाद उसे रिवाइल्डिंग के लिए कान्हा टाइगर रिजर्व लाया गया, जहां उसे राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के प्रोटोकॉल के तहत कड़ी निगरानी और प्रशिक्षण प्रक्रिया से गुज़रना पड़ा।
Mp news : इस प्रक्रिया में बाघ को शिकार और जंगल में जीवित रहने के कौशल सिखाए गए। विशेषज्ञों ने उसके व्यवहार का आकलन कर उसे पुनर्वास के लिए उपयुक्त पाया। 23 जनवरी 2025 को, उसे सैटेलाइट कॉलर पहनाकर जंगल में छोड़ा गया, जिससे उसकी गतिविधियों पर नज़र रखी जा सके। यह अभियान मुख्य वन्यजीव वार्डन, मध्य प्रदेश के मार्गदर्शन और फील्ड डायरेक्टर केटीआर की देखरेख में सफलतापूर्वक पूरा हुआ।
टीम में कान्हा टाइगर रिजर्व के वरिष्ठ अधिकारी, वरिष्ठ वन्यजीव चिकित्सक, वैज्ञानिक और शोधकर्ता शामिल थे। 21 जनवरी को बाघ की ट्रैकिंग और निगरानी के लिए विशेष प्रशिक्षण आयोजित किया गया था। अब 13 ट्रैकिंग टीमें 24/7 उसकी निगरानी कर रही हैं, ताकि बाघ का जंगल में सुचारू समायोजन सुनिश्चित हो सके।
कान्हा-घोरेला रिवाइल्डिंग सेंटर की यह 13वीं सफल रिवाइल्डिंग है, जो बाघ संरक्षण में कान्हा की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाती है। फील्ड डायरेक्टर ने स्थानीय ग्रामीणों और पर्यटकों से अपील की है कि वे बाघ को स्वाभाविक रूप से अनुकूलित होने का मौका दें।
कान्हा टाइगर रिजर्व की यह उपलब्धि, विशेषज्ञों और टीमवर्क का नतीजा है, जो बाघों के संरक्षण और उनके प्राकृतिक आवास में वापसी सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। जहां फिर से अब देखा जाएगा कि बाघ अब यहां और भी अधिक अपना कुनबा बढ़ाने के लिए सक्षम हो जाएंगे और इस प्रकार के काम से यहां पर्यटकों का भी अब लगातार आना बढ़ जाएगा।